Friday, April 3, 2009

Its Century Mark...

Its my 100th blog post... So It has to be something different and special... Here it is....

मस्ती में मैं घूम रहा,
जीवन सुरभित आज लगे...
खुशी में मैं झूम रहा,
हर सुर तरंगित साज़ लगे...
ज़िंदगी के हर एक पल में,
मन मेरा झंकार उठे...
और
कहता है ये दिल मेरा,
ऐसे अवसर पर क्यों ना
हम तुम नाच उठे...

~~द्वारा - सौरभ बजाज ~~


Disclaimer - This is not written for this event, It was written earlier in my more happier times...

1 comment:

AB said...

Wah Wah...ladka wakai me khush lag raha he.
Badhai ho century puri ho gai :) :)