Wednesday, August 24, 2011

ख्वाबों की दुनिया...

ख्वाबों की दुनिया होवे रंगीन,
ज़िराफ़ से ऊँचे, चींटी से महीन,
कोई वानर सी चपलता सिखलाए,
तो कुछ वफ़ादारी-ए-श्वान निभाए...

कदा मन हो मदमस्त गज-राज,
और बिरले भयभीत करे वनराज,
इसलिए कहे कवि 'बजाज',
हर ख्वाब के हो अपने मिज़ाज.

© - सौरभ बजाज

Wednesday, August 17, 2011

महा-प्रीत...

लिखना चाहे इक मधुर गीत...
जो बयाँ करे ये महा-प्रीत...
पर शब्दों से परे ये रीत...
हर कोई पाए अपना मन-मीत...
© - सौरभ बजाज



Sunday, August 7, 2011

मित्रता दिवस...

आँख खुली तो आपकी याद आई,
कुछ खास संदेशा ये सुबह लाई,
दुख-सुख की घड़ी जिन्होने संग निभाई,
ऐसे सभी दोस्तो को मित्रता दिवस की बधाई...