New song from Ishqiya, I am in love with it...
ऐसी उलझी नज़र उनसे हटती नहीं...
दाँत से रेशमी डोर कटती नहीं ...
उम्र कब की बरस के सुफैद हो गयी...
कारी बदरी जवानी की छटती नहीं...
वल्लाह यह धड़कन बढ़ने लगी है ...
चेहरे की रंगत उड़ने लगी है ...
डर लगता है तन्हा सोने में जी...
दिल तो बच्चा है जी...
दिल तो बच्चा है जी...
थोड़ा कच्चा है जी...
हाँ ...
दिल तो बच्चा है जी....
ऐसी उलझी नज़र उनसे हटती नहीं ...
दाँत से रेशमी डोर कटती नहीं ...
उम्र कब की बरस के सुफैद हो गयी...
कारी बदरी जवानी की छटती नहीं...
ता रा रा... ता रा रा... रा रा रा...
ता रा रा... ता रा रा... रा रा रा...
ता रा रा... ता रा रा... रा रा रा...
किसको पता था पहलू में रक्खा...
दिल ऐसा बागी भी होगा...
हम तो हमेशा समझते थे....
कोई हम जैसा हाजी ही होगा....
हाए ज़ोर करे कितना शोर करे....
बेवजह बातों में एँवेँ गौर करे....
दिल सा कोई कमीना नही...
कोई तो रोके...
कोई तो टोके...
इस उम्र में अब...
खाओगे धोखे...
डर लगता है इश्क़ करने में जी...
दिल तो बच्चा है जी...
दिल तो बच्चा है जी...
थोड़ा कच्चा है जी...
हाँ ...
दिल तो बच्चा है जी...
ऐसी उदासी बैठी है दिल पे...
हँसने से घबरा रहे हैं...
सारी जवानी कतरा के काटी...
बीड़ी में टकरा गये हैं...
दिल धड़कता है तो...
ऐसे लगता है वो...
आ रहा है यहीं...
देखता ही ना हो...
प्रेम की मारे कटार रे...
तौबा यह लम्हे कटते नही क्यूँ...
आँखों से मेरे हटते नही क्यूँ...
डर लगता है खुद से कहने में जी ...
दिल तो बच्चा है जी...
दिल तो बच्चा है जी...
थोड़ा कच्चा है जी...
दिल तो बच्चा है जी...
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