Monday, October 27, 2008

शुभ दीपावली . . .


ओ माटी के दीप,
नमस्कार शत् बार . . .
धन्य धन्य ये रूप तुम्हारा
श्वासों में अमरत्व छुपाए . . .
साहस देते श्रांत पथिक को
मंज़िल तक आलोक बिछाए . . .
निज देह मिटाकर
करते हो जग का उपकार . . .
करते हैं प्रार्थना
ईश से इस बार . . .
सदा रहे खुशियों से
भरा आपका संसार . . .
मंगलमय और शुभ हो
दीपावली का ये त्यौहार . . .
ओ माटी के दीप,
नमस्कार शत् बार . . .

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