मैनें लोगों को रातो-रात सफल होते देखा था,
पर किस्मत रूठने की वकालत कभी ना थी...
मैनें जागती आँखो से ख्वाब ज़रूर देखा था,
पर उनके टूटने की इबादत कभी ना थी...
पर किस्मत रूठने की वकालत कभी ना थी...
मैनें जागती आँखो से ख्वाब ज़रूर देखा था,
पर उनके टूटने की इबादत कभी ना थी...
No comments:
Post a Comment