वर्षा ऋतु...
नील-निर्मल स्वच्छ गगन...
बहती भीनी-सी मंद पवन...
तब बादलों का करके सृजन...
वर्षा ऋतु का हो प्रकटन...
जल-नभ-धरा करे अदभुत मिलन...
जब गर्जन-तर्जन मय हो वर्षण...
फिर उपस्थिति दर्ज कराए जल-कण...
अंततः कर सब को सतरंगी नमन...
© - सौरभ बजाज
The beautiful Indian Ocean... Clicked @ Bel Ombre, Mauritius...
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